चीन द्वारा बीस बिलियन डॉलर निवेश के वायदे का स्वागत
नई दिल्ली :- चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping का स्वागत करने प्रधान मंत्री मोदी ने मिडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि ” मैं इस बात से खुश हूं कि मेरी सरकार बनने के कुछ महीनों के अंदर वे भारत आए हैं। • मैं चीन के साथ संबंधों को बहुत महत्व और प्राथमिकता देता हूं। दोनों देशों की प्राचीन सभ्यताएं हैं, और हमारे संबंध भी उतने ही प्राचीन हैं। चीन हमारा सबसे बड़ा पड़ोसी है। भारत के राष्ट्रनिर्माण और विदेशनीति में पड़ोस का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। आज हम दुनिया के दो सबसे बड़ी आबादी वाले सबसे बड़े विकासशील देश हैं। दोनों देश बड़े पैमाने पर आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन में जुटे हुए हैं।”
“इसलिए यह जरूरी है कि इन संबंधों में आपसी विश्वास और भरोसा हो। एक दूसरे की चिंताओं और संवेदनशीलता का आदर हो। संबंधों में और सीमा पर शांति और स्थिरता रहे। मित्रता और सहयोग हो। अगर यह रहे तो हम इन संबंधों की अपार क्षमताओं को पूरा कर सकते हैं। पिछले दो दिनों में अहमदाबाद और दिल्ली में हमें भारत और चीन के संबंधों में हर विषय पर बातचीत करने का मौका मिला। जैसे राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दे, आर्थिक संबंध और लोगों के बीच संपर्क। हम दोनों का विचार है कि हमारे आर्थिक संबंध क्षमता से बहुत कम हैं। मैंने उनसे इस की चिंता प्रकट की कि हमारे Trade की गति कम हुई है और Trade imbalance भी बढ़ा है। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि हमारी कंपनियों को China में Market access और Investment opportunities और आसान कराएं। मुझे President Xi Jinping ने आश्वस्त किया है कि इस विषय पर ठोस कदम उठाएंगे। • साथ ही साथ मैंने भारत में, विशेषकर Infrastructure और Manufacture क्षेत्र में Investment के लिए आमंत्रित किया है। नई Policies और Administrative steps के बारे में उन्हें अवगत कराया है।”
“मुझे प्रसन्नता है कि आज भारत में दो Chinese Industrial Park पर बनाने पर समझौता हुआ है। और उन्होंने पाँच साल में 20 Billion Dollars की Chinese Investment कराने का Commitment भी किया है। यह आर्थिक संबंधों का एक New Chapter है। Railways के क्षेत्र में हमने आज सहयोग के कुछ ठोस निर्णय लिए हैं। Civil Nuclear Cooperation के लिए बातचीत शुरू करेंगे। यह हमारे Energy Cooperation को एक नए स्तर पर पहुंचा सकता है।”
“मैं President Xi Jinping का भारत के सभी लोगों की तरफ से इस बात का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला से एक नया रास्ता खोलने की अनुमति दी है। यह नया रास्ता उत्तराखण्ड के रास्ते के अतिरिक्त होगा। नाथुला के रास्ते से कई सुविधाएं हैं। मोटर से कैलाश मानसरोवर तक यात्रा की जा सकती है, इससे विशेषकर बूढ़े तीर्थयात्रियों को लाभ होगा। तीर्थयात्रा कम समय में पूरी की जा सकेगी और अब भारत से काफी मात्रा में तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर जा सकते हैं। कई मायनों में यह नया रास्ता बरसात के मौसम में सुरक्षित भी होगा।
जहां हमने अपने संबंधों को बढ़ाने की बात की है, हमने साथ ही साथ मित्रता की भावना से कुछ कठिन विषयों पर खुलकर बातचीत की है। मैंने सीमा पर जो घटनाएं हुई हैं उस पर चिंता प्रकट की है। और कहा है कि इन्हें सुलझाना आवश्यक है। हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता हमारे आपसी विश्वास और संबंधों की नींव है। यह दो देशों की एक महत्वपूर्ण सहमति है और इसका दृढ़ता से पालन किया जाना चाहिए।
हमारे सीमा संबंधी समझौते और कॉन्फिडेंस बिल्डिंग measures से फायदा हुआ है। परंतु मैंने यह भी सुझाव दिया है कि सीमा पर शांति और स्थिरता के लिए LAC की clarification बहुत बड़ा योगदान दे सकती है। यह कई सालों से रुका हुआ है और इस कार्य को दोबारा शुरू करना चाहिए। मैंने चीन की वीसा पॉलिसी और ट्रान्स बॉर्डर रिवर्स पर हमारी चिंताएं प्रकट की। क्योंकि मेरा मानना है कि इस तरह के विषयों का समाधान होने पर आपसी विश्वास और संबंध एक नए स्तर पर पहुंच जाएंगे।
हमने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर भी अच्छी बातचीत की है। इन विषयों पर अपने स्ट्रेटेजिक डायलाग को मज़बूत करने का निर्णय लिया है। एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र हम दोनों देशों के हित में है। इसमें एक शांतिपिूर्ण, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान भी आवश्यक है। आतंकवाद और अतिवाद के विरुद्ध हम अपना सहयोग बढ़ाएंगे। विश्व स्तर पर भी अपने साझे हितों पर सहयोग बढ़ाएंगे।
रीजनल कनेक्टिविटी और इसके संदर्भ में BCIM इकनोमिक कॉरिडोर पर भी बातचीत हुई। भारत एशिया के चौराहे पर है। मैं मानता हूं कि एशिया के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने से एशिया की समृद्धि बढ़ेगी। लेकिन फिजिकल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए इस पूरे क्षेत्र में विश्वास, शांति, स्थिरता और सहयोग का माहौल बनाना भी जरूरी है।”
अंत में प्रधान मंत्री ने कहा भारत और चीन के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जो अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। हम अपने संबंधों के नए युग की शुरुआत कर सकते हैं। अगर हम अपने अवसरों को और चुनौतियों को पूरी तरह से ध्यान में रखें तो, मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे सफल बनाने में अपने दायित्व पूरी तरह से निभा पाएंगे।